Economics (NTSE/Olympiad)
2. भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्राक
शब्दावली
1. प्राथमिक क्षेत्राक : वे व्यवसाय जो मनुष्य के प्राकृतिक पर्यावरण से संबधित है जैसे शिकार करना, मछली पकड़ना, कृषि करना आदि।
2. द्वितीयक क्षेत्राक : व्यवसाय जो कच्चे माल के रूप में प्राथमिक सक्रियता के उत्पादो के उपयोग द्वारा अंतिम वस्तु उत्पन्न करते है। जैसे गन्ने से शक्कर बनाना, रूर्इ से कपड़े का निर्माण आदि।
3. तृतीयक क्षेत्राक : इस क्षेत्राक में सभी व्यवसाय आते है जैसे परिवहन व संचरित व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा राशन आदि।
4. मध्यवर्ती माल : एसी वस्तुएँ जो एक फर्म से दूसरे फर्म को पुन: बेचने के लिए अगली प्रक्रिया के लिए बेची जाती है।
5. अंतिम माल : ये उत्पादन की सीमा रेखा को पार कर जाते हैै तथा अंतिम उपभोक्ता द्वारा उपभोग के लिए तैयार किये जाते है। जैसे वस्त्रा, कूलर, टी.वी. आदि।
6. द्विगणना : उत्पाद के मूल्य की गणना एक से अधिक बार की जाए तो इसे द्विगणना कहते हैै।
7. सकल घरेलू उत्पाद : यह एक वर्ष के दौरान देश की घरेलू क्षेत्रो में उत्पादित अंतिम माल तथा सेवाओं का बाजार मूल्य है।
8. छद्म बेरोजगारी : यह वह स्थिति है जिसमें श्रमिक आवश्यक क्षेत्राको में कार्यरत होते है।
9. सार्वजनिक क्षेत्राक : यह वह क्षेत्राक है जिसमें सरकार द्वारा नियंत्राण, व्यवस्था तथा स्वामित्व होता है।
10. निजी क्षेत्राक : इसमें व्यक्ति अथवा व्यक्तियो के समूह द्वारा स्वामित्व, नियत्रांण तथा व्यवस्थित होता है।
2. द्वितीयक क्षेत्राक : व्यवसाय जो कच्चे माल के रूप में प्राथमिक सक्रियता के उत्पादो के उपयोग द्वारा अंतिम वस्तु उत्पन्न करते है। जैसे गन्ने से शक्कर बनाना, रूर्इ से कपड़े का निर्माण आदि।
3. तृतीयक क्षेत्राक : इस क्षेत्राक में सभी व्यवसाय आते है जैसे परिवहन व संचरित व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा राशन आदि।
4. मध्यवर्ती माल : एसी वस्तुएँ जो एक फर्म से दूसरे फर्म को पुन: बेचने के लिए अगली प्रक्रिया के लिए बेची जाती है।
5. अंतिम माल : ये उत्पादन की सीमा रेखा को पार कर जाते हैै तथा अंतिम उपभोक्ता द्वारा उपभोग के लिए तैयार किये जाते है। जैसे वस्त्रा, कूलर, टी.वी. आदि।
6. द्विगणना : उत्पाद के मूल्य की गणना एक से अधिक बार की जाए तो इसे द्विगणना कहते हैै।
7. सकल घरेलू उत्पाद : यह एक वर्ष के दौरान देश की घरेलू क्षेत्रो में उत्पादित अंतिम माल तथा सेवाओं का बाजार मूल्य है।
8. छद्म बेरोजगारी : यह वह स्थिति है जिसमें श्रमिक आवश्यक क्षेत्राको में कार्यरत होते है।
9. सार्वजनिक क्षेत्राक : यह वह क्षेत्राक है जिसमें सरकार द्वारा नियंत्राण, व्यवस्था तथा स्वामित्व होता है।
10. निजी क्षेत्राक : इसमें व्यक्ति अथवा व्यक्तियो के समूह द्वारा स्वामित्व, नियत्रांण तथा व्यवस्थित होता है।
यदि आप भी दुसरे स्टूडेंट्स / छात्र को ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी देना चाहते है तो इसे फेसबुक, ट्विटर, गूगल प्लस पर अधिक से अधिक शेयर करे | जितना ज्यादा शेयर होगा, छात्रों को उतना ही लाभ होगा | आपकी सुविधा के लिए शेयर बटन्स नीचे दिए गए है |
विस्तार से अध्याय देखें